यूपी में दो भाइयों में जमीन का बंटवारा कैसे करें?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) में दो भाइयों के बीच जमीन का बंटवारा एक संवेदनशील और कानूनी प्रक्रिया हो सकती है, जिसका पालन सही तरीके से करना जरूरी है ताकि कोई विवाद न हो। यदि आप और आपके भाई जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कदमों का पालन करें:

1. मालिकी का निर्धारण 

सबसे पहले, यह सुनिश्चित करें कि जमीन के मालिकाना हक का स्पष्ट निर्धारण हो। यह जांचें कि जमीन पर किसका नाम दर्ज है और क्या दोनों भाइयों का नाम मालिकाना दस्तावेज़ों में है या नहीं। अगर ज़मीन संयुक्त रूप से मालिकाना हक में है, तो दोनों का सहमति होना आवश्यक है।

2. समझौता या वसीयत

यदि जमीन पर कोई पूर्व वसीयत या समझौता नहीं है, तो दोनों भाई मिलकर एक समझौता कर सकते हैं। इसमें यह तय किया जा सकता है कि कौन सा हिस्सा कौन लेगा। अगर किसी भाई का व्यक्तिगत हिस्सा निर्धारित करना हो, तो इसे कागज पर लिखकर दोनों की सहमति से प्रमाणित करें।

3. भूमि का माप और सीमांकन 

भूमि का बंटवारा करने से पहले जमीन का माप और सीमांकन करवाना आवश्यक है, ताकि हर भाई को उसके हिस्से का सही क्षेत्र मिल सके। इसके लिए स्थानीय राजस्व विभाग या भू-संवर्धन अधिकारी से सहायता ली जा सकती है। यह सुनिश्चित करें कि बंटवारा पूरी तरह से न्यायसंगत और समान हो।

4. पट्टा या खसरा-खतौनी

जमीन के खसरा-खतौनी, हलफनामा और पट्टा जैसे दस्तावेज़ों की जानकारी लें। इन दस्तावेजों में यह दर्ज होता है कि ज़मीन पर किसका मालिकाना हक है। यह जानकारी सही और अद्यतन होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई कानूनी विवाद न हो।

5. कानूनी बंटवारा (Legal Partition)

यदि दोनों भाई आपसी सहमति से बंटवारा नहीं कर पा रहे हैं, तो वे कानूनी रूप से बंटवारा कर सकते हैं। इसके लिए, स्थानीय तहसीलदार या कोर्ट में एक अर्जी दी जा सकती है, जिसमें बंटवारे की मांग की जाएगी। कोर्ट में आवेदन करने से पहले, दोनों भाई के बीच एक निश्चित समझौते और संधि पत्र का होना जरूरी है।

6. भूमि का रजिस्ट्रेशन (Land Registration)

जब बंटवारा पूरी तरह से हो जाए, तो दोनों भाई को अपनी-अपनी हिस्सेदारी के दस्तावेज़ को रजिस्टर कराना होगा। यह प्रक्रिया आपको सरकारी रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर करनी होगी, ताकि ज़मीन का बंटवारा कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो। इसके बाद, भूमि के नए रिकार्ड में दोनों भाइयों के नाम अलग-अलग होंगे।

7. प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य शुल्क (Property Tax and Other Fees)

बंटवारे के बाद, दोनों भाइयों को अपनी-अपनी भूमि का प्रॉपर्टी टैक्स अलग-अलग भरना होगा। सुनिश्चित करें कि भूमि के नए मालिकों द्वारा सभी टैक्स और शुल्क का भुगतान समय पर किया जाए। यदि पहले से किसी भाई पर कोई ऋण या टैक्स बकाया है, तो उसका निपटान पहले किया जाए।

8. न्यायिक बंटवारे के बाद विवाद से बचें (Avoiding Future Disputes)

बंटवारे के बाद, सभी दस्तावेज़ों की ठीक से जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी भविष्य में विवाद की स्थिति न पैदा हो। दोनों भाइयों को बंटवारे के बाद किसी भी प्रकार के अनबन से बचने के लिए आपसी समझ से काम करना चाहिए।

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