एफएआर उल्लंघन पर होगी जांच
मुख्य रूप से इस जांच का उद्देश्य यह देखना है कि भवनों के निर्माण में फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) का उल्लंघन तो नहीं हुआ है। एफएआर के अंतर्गत यह निर्धारित होता है कि किसी इमारत की ऊंचाई और उसकी कुल बिल्डिंग स्पेस की तुलना में कितनी जमीन का इस्तेमाल किया गया है। यदि किसी भवन के निर्माण में एफएआर की अधिकतम सीमा से अधिक क्षेत्र का उपयोग किया जाता है, तो उसे अवैध माना जाता है।
सख्त कार्रवाई के भी आदेश
नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि अगर किसी इमारत का निर्माण बिना मंजूरी के हुआ है या नियमों का पालन नहीं किया गया है, तो संबंधित मालिकों या निर्माणकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार में अव्यवस्थित निर्माण की समस्याओं में कमी आएगी और शहरों की मास्टर प्लानिंग को सही दिशा मिलेगी।
वेंडिंग जोन का भी होगा निर्माण
अतिक्रमण की समस्या को सुलझाने के लिए बिहार सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के सभी शहरों में वेंडिंग जोन बनाए जाएंगे, ताकि फुटपाथी दुकानदारों को एक व्यवस्थित स्थान मिल सके।यह कदम न केवल अतिक्रमण की समस्या को सुलझाने में मदद करेगा, बल्कि व्यापारियों और दुकानदारों के लिए भी एक सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण प्रदान करेगा।
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