ऑनलाइन व्यवस्था का आरंभ
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने खतौनी में अंश सुधार के लिए एक नई ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की है, जिससे किसानों के लिए त्रुटियाँ सुधारना अब एक आसान और सीधी प्रक्रिया बन गई है। इस नई व्यवस्था के तहत, किसान अब 'भूलेख खतौनी अंश सुधार' पोर्टल पर जाकर अपनी त्रुटि का सुधार करवा सकते हैं। यह पोर्टल उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद की आधिकारिक वेबसाइट bor.up.nic.in पर उपलब्ध है। किसान यहाँ पर अपनी जमीन से संबंधित जानकारी को अपडेट कर सकते हैं और अपनी खतौनी में हुई गलतियों को सुधार सकते हैं।
सुधार प्रक्रिया का तरीका
दरअसल, इस प्रक्रिया में सबसे पहले लेखपाल द्वारा त्रुटि का संज्ञान लिया जाएगा। जब लेखपाल को किसी खतौनी में गलती का पता चलेगा, तो वह उसे इस पोर्टल पर दर्ज करेंगे। इसके बाद, लेखपाल अपनी जांच करेंगे, जिसमें स्थलीय और अभिलेखीय जांच शामिल होगी। इसके बाद सभी सह-खातेदारों से सहमति प्रपत्र पर हस्ताक्षर या अंगूठा निशान लिए जाएंगे।
इसके बाद, राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार द्वारा जांच की जाएगी, और अंततः खतौनी में सुधार कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और त्वरित है, जिससे किसानों को कोई कठिनाई नहीं होगी। इस नए सिस्टम से भूमि विवादों की संख्या में भी कमी आने की संभावना है, क्योंकि अब हर गाटा की अलग खतौनी होगी और संबंधित खातेदार का अंश स्पष्ट रूप से अंकित होगा।
जमीन विवादों का समाधान
अब तक, यूपी में कई जगहों पर एक ही खाता संख्या में कई गाटा नंबर और काश्तकार होते थे, जिससे किसानों को अपनी भूमि का सही अंश साबित करने में परेशानी होती थी। इस व्यवस्था में एक बड़ी राहत यह है कि प्रत्येक गाटा का अब अपनी अलग खतौनी होगी, और हर खातेदार का हिस्सा भी स्पष्ट रूप से दिखेगा। इस सुधार के कारण, जमीन से जुड़े विवादों की संख्या में काफी कमी आएगी और किसानों को अपनी भूमि अधिकारों को साबित करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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