यूपी में जमीन की नई खतौनी: इन लोगों के नाम भी शामिल!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जमीन की नई खतौनी के माध्यम से राज्य सरकार ने भूमि रिकॉर्ड के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह कदम न केवल जमीन मालिकों के लिए आसान प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा, बल्कि इससे भूमि विवादों में भी कमी आएगी। आइए, जानते हैं कि इस नई खतौनी में कौन-कौन से बदलाव किए गए हैं और इसके क्या लाभ हो सकते हैं।

1. हिस्से का उल्लेख:

पहले की पुरानी खतौनी में केवल दादा, पिता और बेटे के नाम होते थे, जिससे भूमि के मालिकाना हक को लेकर कई बार विवाद उत्पन्न होते थे। अब, नई खतौनी में प्रत्येक परिवार के सदस्य के हिस्से का उल्लेख किया जाएगा। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को जमीन का हिस्सा मिलता है, तो उसका नाम और हिस्सा दोनों ही खतौनी में स्पष्ट रूप से दर्ज होंगे। इससे न केवल परिवारों में जमीन के बंटवारे में पारदर्शिता आएगी, बल्कि जमीन के मालिकाने को लेकर होने वाले विवाद भी कम होंगे।

2. पारदर्शिता और सुरक्षा:

नई खतौनी में एक और अहम बदलाव यह हुआ है कि इससे जमीन बिक्री और बंटवारे में पारदर्शिता आएगी। पहले की प्रक्रिया में कई बार परिवार के किसी अन्य सदस्य की अनुमति के बिना ही जमीन बेची जाती थी। अब, नए प्रावधानों के तहत, यदि किसी जमीन के हिस्सेदार का नाम खतौनी में दर्ज होता है, तो वह व्यक्ति अपनी ज़मीन को न बेच सकेगा, जब तक कि परिवार के अन्य सदस्य की सहमति न हो। इससे जमीन के मालिकों को सुरक्षा मिलेगी और भूमि की बिक्री में पारदर्शिता आएगी।

3. नामों का सीधा उल्लेख:

पहले जब किसी ज़मीन का नामांतरण होता था, तो इसमें बहुत लंबा समय लगता था, कभी-कभी तो 6 साल तक का इंतजार करना पड़ता था। अब, नई व्यवस्था में नामांतरण कराते ही मालिक का नाम सीधे मुख्य कालम में दर्ज हो जाएगा। इससे जमीन के मालिक को जल्द से जल्द अधिकार मिलेंगे, और उन्हें अपने नाम पर भूमि का मालिकाना हक प्राप्त होगा।

4. ऑनलाइन खतौनी:

नई खतौनी में सबसे बड़ी सुविधा यह है कि अब आप उत्तर प्रदेश के भूलेख पोर्टल (upbhulekh.gov.in) पर जाकर अपनी खतौनी की जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यह प्रक्रिया अधिक सरल और सुविधाजनक हो जाएगी। अब जमीन के रिकॉर्ड को जानने और अपडेट करने के लिए अधिकारियों के पास दौड़ने की आवश्यकता नहीं होगी।

5. खोज के विकल्प:

ऑनलाइन खतौनी देखने के लिए अब खसरा/गाटा नंबर, खाता नंबर या मालिक (खातेदार) का नाम डालकर आप तुरंत अपनी जमीन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे ज़मीन की पहचान और मालिक की जानकारी सटीक रूप से प्राप्त की जा सकती है, जो अक्सर जमीन विवादों का कारण बनती थी।

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