बिहार में ऑनलाइन दर्ज करें जमीन की शिकायतें: सरकार की नई पहल!

पटना: बिहार में जमीन से संबंधित समस्याओं और विवादों को हल करने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब नागरिकों को भूमि संबंधी मामलों के लिए राजस्व न्यायालयों में जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बिहार सरकार ने इन न्यायालयों को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है। इसके लिए RCMS पोर्टल (राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली) विकसित किया गया है, जो लोगों को उनके जमीन संबंधी मामलों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा देता है।

इस पोर्टल के माध्यम से लोग अपने भूमि विवादों और शिकायतों को घर बैठे दर्ज कर सकते हैं, और उन्हें बिना किसी परेशानी के समाधान प्राप्त हो सकता है। इस लेख में हम यह जानेंगे कि RCMS पोर्टल पर विभिन्न प्रकार के मामलों की शिकायतें कहां दर्ज की जा सकती हैं, और इस प्रक्रिया के दौरान किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।

1. सीओ कोर्ट (CO Court)

सीओ कोर्ट, यानी सर्किल ऑफिसर कोर्ट, का मुख्य कार्य सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित मामलों को निपटाना है। यदि किसी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है, तो उसकी सूचना सीओ कोर्ट में दी जा सकती है। अतिक्रमण की सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है, ताकि शिकायत करने वालों को किसी प्रकार का डर न हो।

2. डीसीएलआर कोर्ट (DCLR Court)

डीसीएलआर कोर्ट, यानी डिप्टी कलेक्टर लैंड रेफरल कोर्ट, का कार्य विभिन्न भूमि विवादों को हल करना है। इस कोर्ट में निम्नलिखित प्रकार के मामलों की शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं: दखल खारिज-खारिज अपील (जिसमें जमीन के स्वामित्व का विवाद होता है), भूमि विवाद समाधान अधिनियम (BLDR), भूदान अधिनियम (जिसमें भूदान भूमि का बटवारा होता है), निश्चित राजस्व, बकास्त भूमि का रैयतीकरण और बटाईदारी (जिसमें खेतों के मालिकाना हक का निर्धारण होता है)

3. एडीएम कोर्ट (ADM Court)

एडीएम कोर्ट, यानी असिस्टेंट डिवीजनल मजिस्ट्रेट कोर्ट, का कार्य भूमि विवादों और प्रशासनिक मामलों को हल करना है। इस कोर्ट में निम्नलिखित मामले दर्ज किए जा सकते हैं: दखल खारिज संशोधन (जो पहले से दर्ज मामलों में संशोधन से संबंधित होते हैं), जमाबंदी खारिज, भूदान अधिनियम, सीलिंग अधिनियम (भूमि सीमा तय करने के लिए), बंदोबस्ती अपील (भूमि के पुनः बंटवारे से संबंधित अपील), निश्चित राजस्व अपील। 

4. डीएम कोर्ट (DM Court)

डीएम कोर्ट, यानी डिवीजनल मजिस्ट्रेट कोर्ट, में आमतौर पर बड़े भूमि विवादों और भूमि कानूनों से संबंधित मामलों की सुनवाई होती है। इस कोर्ट में निम्नलिखित प्रकार के मामले दर्ज किए जा सकते हैं: जमाबंदी खारिज अपील, भूमि सीलिंग अपील, भूदान अपील, सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण अपील, बासगीत पर्चा अपील (जमीन के मालिकाना हक से संबंधित मामले)

5. कमिश्नर कोर्ट (Commissioner Court)

कमिश्नर कोर्ट, यानी जिला आयुक्त कोर्ट, में राज्य स्तर के भूमि विवादों की सुनवाई की जाती है। इसमें जमाबंदी निरस्तीकरण संशोधन और भूमि विवाद समाधान अधिनियम (BLDR) अपील जैसे मामले दर्ज किए जाते हैं।

6. एलए प्राधिकरण (LA Authority)

एलए प्राधिकरण, यानी भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन से संबंधित मामलों को निपटाता है। यदि किसी व्यक्ति की भूमि का अधिग्रहण किया गया है और वह उचित मुआवजा या पुनर्वास की मांग करता है, तो वह भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 के तहत अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। इस प्राधिकरण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया:

वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले आपको बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/UserLogin पर जाना होगा।

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