DNA टेस्ट से पता चलता है बच्चे का असली बाप कौन

हेल्थ डेस्क: DNA टेस्ट एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग जीवों के डीएनए (डॉक्सीरिबोन्यूक्लिक एसिड) की जाँच करने के लिए किया जाता है। डीएनए मानव शरीर के हर कोशिका में पाया जाता है और यह हर व्यक्ति की पहचान, आनुवंशिक गुण, और शारीरिक विशेषताएँ निर्धारित करता है। 

1 .DNA टेस्ट का महत्व:

DNA टेस्ट, जिसे पितृत्व परीक्षण भी कहा जाता है, एक वैज्ञानिक तरीका है जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चे का असली बाप कौन है। इसमें बच्चे और संभावित पिता के डीएनए की तुलना की जाती है।

2 .कैसे होता है टेस्ट:

इस परीक्षण में बच्चे और पिता दोनों के मुंह से लार (सलाइवा) या खून का नमूना लिया जाता है। फिर, इस नमूने में मौजूद डीएनए को एक्सामिन किया जाता है। यदि बच्चे का डीएनए उस व्यक्ति के डीएनए से मेल खाता है, तो वह व्यक्ति बच्चा का असली पिता माना जाता है।

3 .विश्वसनीयता:

DNA पितृत्व परीक्षण 99.99% तक सही होता है। इसे सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता है क्योंकि यह जन्मजात आनुवंशिकी के आधार पर निर्णय करता है।

4 .कानूनी उपयोग:

पितृत्व परीक्षण को कानूनी मामलों में भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि बच्चों की कस्टडी, उत्तराधिकार अधिकार, और वैवाहिक विवादों में। कोर्ट द्वारा इसे प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।

5 .समाज में प्रभाव:

DNA टेस्ट से कई पारिवारिक और सामाजिक विवादों का समाधान होता है। यह महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, साथ ही पिता के जिम्मेदारियों का निर्धारण करता है।

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