अमेरिका का F-47: वायु सेना की नई ताकत
अमेरिका ने अपनी छठी पीढ़ी के विमान का नाम F-47 रखा है, जो बोइंग द्वारा विकसित किया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विमान के बारे में कहा था कि यह अभूतपूर्व शक्ति से लैस होगा और अमेरिका के दुश्मन कभी भी इसे आते हुए नहीं देख पाएंगे। F-47 को F-22 रैप्टर के प्रतिस्थापन के रूप में देखा जा रहा है, जो एक अत्याधुनिक और बेहद सक्षम लड़ाकू विमान है।
F-47 को बनाने की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि वर्तमान में अमेरिकी वायु सेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान F-35 है, जो लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित है। हालांकि, F-35 की कीमत 80 मिलियन डॉलर से लेकर 115 मिलियन डॉलर तक है, और कुछ इसे 'सफेद हाथी' की संज्ञा भी देते हैं। इसका मतलब है कि यह बहुत महंगा है और कुछ मामलों में उसकी कार्यक्षमता से ज्यादा पैसा खर्च किया जा रहा है।
चीनी J-36: आकाश पर कब्जा करने की तैयारी
अब बात करें चीनी छठी पीढ़ी के विमान J-36 की, तो यह चीन का जवाब है अमेरिकी F-47 के लिए। चीन ने छठी पीढ़ी के विमान J-36 के विकास में तेजी से कदम बढ़ाए हैं और इस विमान में अत्याधुनिक तकनीक और डिजाइन को शामिल किया गया है। J-36 को लेकर चीन का दावा है कि यह विमान अपनी उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य नई तकनीकों के साथ वायु युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
J-36 को लेकर अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह विमान कहीं अधिक उन्नत हो सकता है, खासकर अपनी सटीकता और उच्च-प्रदर्शन क्षमता के मामले में। चीन के इस विमान की डिजाइन में विशेष रूप से स्टेल्थ टेक्नोलॉजी, अधिक रेंज, और उन्नत हथियार प्रणाली पर जोर दिया गया है।
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