भारत में ही Su-57 फाइटर जेट निर्माण के लिए रूस तैयार

नई दिल्ली: रूस ने भारत को एक बड़ा प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत भारत में अपने मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करते हुए पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, Su-57E का उत्पादन शुरू किया जा सकता है। यह प्रस्ताव न केवल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदारी हो सकता है, बल्कि भारतीय वायुसेना के लिए रणनीतिक रूप से भी अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है।

रूस का नया प्रस्ताव:

रूस की हथियार बनाने वाली कंपनी, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, ने 7 मार्च 2025 को यह प्रस्ताव रखा कि भारत में Su-57E का उत्पादन मौजूदा Su-30MKI लड़ाकू विमानों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली फैक्ट्रियों में शुरू किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि भारत को नए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारी निवेश नहीं करना पड़ेगा। 

बता दें की Su-30MKI विमानों का निर्माण पहले ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारत में किया जा रहा है, और उसी इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करते हुए Su-57E का उत्पादन किया जा सकता है। यह प्रस्ताव भारत की रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से आकर्षक है, क्योंकि भारत के पास पहले से Su-30MKI के करीब 260 विमान हैं, जिनमें से अधिकांश भारतीय जमीन पर ही बनाए गए हैं।

Su-57E: पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान

Su-57E, जो कि रूस का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को अगले स्तर तक बढ़ा सकता है। यह विमान न केवल अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस है, बल्कि इसमें स्टील्थ, अत्याधुनिक एवियोनिक्स, और बेहतर गति और सटीकता के साथ एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड हमलों की क्षमता भी है। अगर भारत इस विमान का उत्पादन करता है, तो यह न केवल वायुसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि तकनीकी दृष्टिकोण से भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

भारत और रूस की साझेदारी: रणनीतिक दृष्टिकोण

भारत और रूस की रक्षा क्षेत्र में पुरानी और मजबूत साझेदारी रही है। रूस ने हमेशा भारत को अत्याधुनिक सैन्य तकनीक मुहैया कराई है, और Su-57E का प्रस्ताव इस साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर भारत इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो न केवल Su-57E का उत्पादन होगा, बल्कि भारत को Su-30MKI विमानों के अपग्रेडेशन के लिए भी मदद मिल सकती है। इस अपग्रेडेशन में भारतीय निर्मित मिसाइलों को शामिल किया जाएगा, जिससे Su-30MKI की लड़ाकू क्षमता और भी मजबूत हो जाएगी।

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