Tejas Mk2: भारत की नई शक्ति, जो करेगी दुनिया को हैरान

नई दिल्ली: भारत का तेजस मार्क-2 (Tejas Mk2) भारतीय वायुसेना की शक्ति को नया आयाम देने के लिए तैयार है। यह LCA (Light Combat Aircraft) का उन्नत संस्करण है, जो दो इंजनों वाला, मध्यम वजन का मल्टीरोल लड़ाकू विमान होगा। इसकी पहली उड़ान 2026 में होने की उम्मीद है और यह भारत के रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा। तेजस मार्क-2 न केवल स्वदेशी तकनीक से निर्मित है, बल्कि इसमें कई उन्नत विशेषताएँ हैं, जो इसे भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली और विश्वसनीय विमान बना सकती हैं।

1. प्रौद्योगिकी: उन्नत सेंसर और हथियार प्रणाली

तेजस मार्क-2 की सबसे बड़ी खासियत इसकी प्रौद्योगिकी है। इस विमान में अत्याधुनिक सेंसर, हथियार और अन्य प्रणाली शामिल होंगी, जो इसे पहले से अधिक सक्षम और प्रभावी बनाएंगी। इसका विशेष ध्यान युद्ध की स्थितियों में विभिन्न प्रकार के कार्यों को अंजाम देने पर होगा, जैसे कि दुश्मन के हवाई और जमीनी ठिकानों पर सटीक हमले करना। तेजस मार्क-2 के उन्नत रडार और एलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ इसे किसी भी युद्धक्षेत्र में बेहद प्रभावी बना देंगी।

2. इंजन: जनरल इलेक्ट्रिक का F414 इंजन

तेजस मार्क-2 में जनरल इलेक्ट्रिक का F414 इंजन लगाया जाएगा, जो इसके लिए अत्यधिक शक्तिशाली और सक्षम होगा। यह इंजन तेजस के पुराने संस्करण LCA तेजस के F404 इंजन से अधिक ताकतवर है, जिससे विमान की गति, रेंज और पेलोड क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार होगा। F414 इंजन तेजस मार्क-2 को अधिक स्थिरता और उच्चतम प्रदर्शन देने के साथ-साथ युद्धक्षेत्र में लचीलापन भी प्रदान करेगा।

3. पेलोड क्षमता: 6.5 टन तक का पेलोड

तेजस मार्क-2 की पेलोड क्षमता 6.5 टन तक होगी, जो इसे अतिरिक्त हथियार, ईंधन और अन्य सामग्रियाँ ले जाने में सक्षम बनाएगी। इसकी पेलोड क्षमता के कारण यह भारी हथियारों और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम होगा, जो इसे विभिन्न प्रकार के मिशनों जैसे कि हवा से हवा, हवा से ज़मीन और रक्षात्मक हमलों में अत्यधिक प्रभावी बनाएगा।

4. रेंज: 3,500 किलोमीटर

तेजस मार्क-2 की रेंज 3,500 किलोमीटर तक होगी, जिससे यह लंबी दूरी तक उड़ान भरने और दुश्मन के इलाकों में गहरे प्रवेश करने में सक्षम होगा। इसकी उच्च रेंज इसे भारतीय वायुसेना के लिए एक रणनीतिक लाभ प्रदान करती है, क्योंकि इससे वायुसेना को न केवल सीमाओं के पास, बल्कि आंतरिक इलाकों में भी प्रभावी रूप से कार्य करने की क्षमता मिलती है।

5. गति: 2,300 किलोमीटर प्रति घंटे

तेजस मार्क-2 की अधिकतम गति 2,300 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जो इसे तेजी से लक्ष्य तक पहुँचने और अपनी लड़ाकू स्थिति को बनाए रखने में सक्षम बनाएगी। इसकी उच्च गति यह सुनिश्चित करेगी कि यह दुश्मन के मिसाइलों और लड़ाकू विमानों से बचने के लिए तेज़ी से भाग सके। इसके साथ ही, तेजस मार्क-2 अपने शिकार को पकड़ने और उनपर प्रभावी हमला करने में भी सक्षम होगा।

6. स्वदेशीकरण: 90% स्वदेशी घटक

तेजस मार्क-2 को 90% स्वदेशी घटकों से बनाया जाएगा, जो भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके स्वदेशीकरण से भारत को न केवल अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता को कम करने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक बड़ी सफलता भी होगी। तेजस मार्क-2 के निर्माण से भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को नई तकनीक को विकसित करने और उसे लागू करने का अवसर मिलेगा।

0 comments:

Post a Comment