चयनित शिक्षकों का स्कूल आवंटन
बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया का पहला कदम स्कूल आवंटन होगा। सबसे पहले, प्रधान शिक्षक, प्रधानाध्यापक और विद्यालय अध्यापकों को जिला, प्रमंडल, और प्रखंड स्तर पर आवंटित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नियुक्ति के बाद शिक्षक स्कूलों में कार्यभार संभालने के लिए तैयार रहें। इसके साथ ही, शिक्षा विभाग ने पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है, जो इस प्रक्रिया पर निगरानी रखेगी और सुनिश्चित करेगी कि हर कदम सही तरीके से उठाया जाए।
रिक्तियों का निर्धारण और तबादला प्रक्रिया
बीपीएससी के द्वारा अनुशंसित लगभग 43,000 प्रधान शिक्षक/प्रधानाध्यापक और TRE-3 के तीसरे चरण में चयनित 65,716 विद्यालय अध्यापकों के लिए रिक्तियों का निर्धारण किया जाएगा। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, अंतर-जिला तबादला प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी है, जिससे रिक्तियों की स्थिति स्पष्ट होने में मदद मिलेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षकों को उनके चयनित विद्यालयों में तैनाती के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके। रिक्तियों की स्थिति को स्पष्ट करने के बाद, विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति की रणनीति तैयार की जाएगी।
शिक्षकों के लिए तैयार की गई प्रशिक्षण प्रक्रिया
इस प्रक्रिया के तहत, TRE-3 के विद्यालय अध्यापकों को दो सप्ताह का आरंभिक आवासीय प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण नए शिक्षकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसे उनके कौशल को बेहतर बनाने, शैक्षिक गुणवत्ता को सुनिश्चित करने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को समझने में मदद करेगा। इस प्रशिक्षण का मॉड्यूल 27 और 28 मार्च को परिषद परिसर में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षकों को सर्वोत्तम और प्रभावी प्रशिक्षण मिले।
नियुक्ति पत्र और कार्यभार ग्रहण
अप्रैल में ही विद्यालय अध्यापकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने की कवायद भी शुरू हो जाएगी। इसके बाद, शिक्षक अपने संबंधित विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करेंगे और राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। यह कदम बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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