यूपी में लैब टेक्नीशियन और असिस्टेंट के 1200 पदों पर होगी भर्ती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों और दवाओं की गुणवत्ता जांच अब और अधिक सटीक व प्रभावी हो सकेगी। राज्य सरकार द्वारा सभी 18 मंडलों में अत्याधुनिक फूड एंड ड्रग सैंपल टेस्टिंग लैब की स्थापना की जा रही है, जिनमें से 12 मंडलों में पूरी तरह से नई प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं। इन नई लैबों के संचालन के लिए लैब टेक्नीशियन और लैब असिस्टेंट के लगभग 1200 नए पदों का सृजन किया गया है। भर्ती प्रक्रिया जल्द ही कार्मिक विभाग द्वारा शुरू की जाएगी।

इन मंडलों में बन रही हैं नई लैब

वर्तमान में लखनऊ, आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर और वाराणसी में पहले से ही खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग की सैंपल टेस्टिंग लैब मौजूद हैं। अब अलीगढ़, आजमगढ़, प्रयागराज, कानपुर, चित्रकूट, देवीपाटन, अयोध्या, बस्ती, बरेली, मीरजापुर, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों में नई लैब बनाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, लखनऊ की लैब को भी अपग्रेड किया गया है, जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप खाद्य और औषधियों की जांच की जा सकेगी।

तकनीक में हो रहा है बड़ा सुधार

उत्तर प्रदेश में नई प्रयोगशालाओं को उच्च तकनीकी क्षमता वाली जांच मशीनों से सुसज्जित किया जा रहा है। इससे खाद्य और दवा सैंपलों की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया पहले की तुलना में कहीं अधिक सटीक, तेज और विश्वसनीय हो जाएगी।

जांच क्षमता में होगी बंपर बढ़ोतरी

राज्य सरकार की इस पहल से सैंपल टेस्टिंग की क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि देखने को मिलेगी। वर्ष 2016-17 में जहां खाद्य पदार्थों की सालाना जांच संख्या 36,000 थी, वह बढ़कर अब 1,08,000 तक पहुंचने की संभावना है — यानी 300% की वृद्धि। वहीं, दवा सैंपल टेस्टिंग की क्षमता में 450% तक बढ़ोतरी का अनुमान है।

मिलावटखोरी पर लगेगी लगाम

फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब की संख्या और गुणवत्ता में हो रहे इस बदलाव से खाद्य और दवा में मिलावट के खिलाफ राज्य की लड़ाई को नया बल मिलेगा। साथ ही, आम जनता को सुरक्षित और गुणवत्तायुक्त खाद्य और औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

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