सूत्रों के अनुसार, करीब 400 उद्यमियों ने ऋण लेने के बाद एक भी किस्त की राशि विभाग में जमा नहीं करवाई है। वहीं, 300 से अधिक उद्यमियों को ऋण वापसी को लेकर नोटिस भेजा जा चुका है। इनमें से 50 से अधिक पर सर्टिफिकेट केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उद्योग विभाग को इन उद्यमियों से कुल 17.94 करोड़ रुपये की वसूली करनी है।
बार-बार दी गई चेतावनी
विभाग की ओर से उद्यमियों को कई बार ऋण की किस्त जमा करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद जब इन निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए ऋण राशि की वसूली सूद समेत पीडीआर (Public Demand Recovery) के तहत करने की चेतावनी दी। विभाग ने यह भी कहा है कि जमा की गई किस्तों की पावती की प्रति कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा।
बकायेदारों की सूची तैयार
उद्योग विभाग बकायेदार उद्यमियों की सूची तैयार कर रहा है, जिसमें लंबे समय से ऋण नहीं लौटाने वालों पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी साफ किया है कि ऋण राशि की वसूली के लिए टीम लाभुकों के घर तक पहुंचेगी और कानूनी प्रक्रिया के तहत वसूली की जाएगी।
सरकार की सख्ती जारी
सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि 2018-19 से लेकर अब तक दिए गए ऋण की समय पर वसूली सुनिश्चित की जाए। इसके लिए जिला स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है और साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट भी ली जा रही है।
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