आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में शराब की बिक्री ने करीब 280 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया, जो पिछले साल के अप्रैल माह के मुकाबले 60-70 प्रतिशत अधिक है। इसमें अंग्रेजी शराब, देसी शराब और बीयर की खपत शामिल है। यह वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि शराब के शौकीनों की संख्या शहर में लगातार बढ़ रही है और साथ ही इसके व्यापार में भी अभूतपूर्व उछाल देखने को मिल रहा है।
शराब की बिक्री में इज़ाफा:
इस बढ़ी हुई शराब की खपत से सरकार को राजस्व के रूप में भारी लाभ हुआ है। पिछले साल अप्रैल महीने के मुकाबले इस साल अप्रैल में 64 करोड़ रुपये ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस आंकड़े ने साबित कर दिया है कि शराब की बिक्री अब केवल एक व्यापार नहीं, बल्कि एक बड़ी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन चुकी है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शराब की दुकानों की संख्या में वृद्धि और नई दुकानों के खुलने से शराब की बिक्री में इज़ाफा हुआ है। इसके साथ ही शहर में शराब की विभिन्न किस्मों, विशेषकर विदेशी शराब और बीयर की खपत में भारी वृद्धि देखने को मिली है। यह बदलाव शहर के रहने वालों के बदलते शौक और जीवनशैली को भी दर्शाता है।
नए प्रॉफिट मॉडल ने शराब कारोबार को बढ़ावा दिया
नोएडा में शराब के कारोबार के नए प्रॉफिट मॉडल ने भी शराब की खपत को बढ़ावा दिया है। शराब की दुकानों के कंपोजिट होने और नई दुकानों के खुलने से व्यापार में नया जोश आया है। इसके अलावा, शराब की कीमतों में होने वाली हल्की वृद्धि और शराब पर मिल रही छूट भी ग्राहकों को आकर्षित कर रही है।
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