बोर्ड ने परीक्षा स्थगन के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो रिकॉर्ड स्तर पर अभ्यर्थियों की संख्या और परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था में आ रही चुनौतियों के कारण यह निर्णय लिया गया है। केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया इस बार अधिक सख्त की गई है, जिससे पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था करने में समय लग रहा है।
तीन साल से इंतजार कर रहे अभ्यर्थी
टीजीटी-पीजीटी के कुल 4163 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन वर्ष 2022 में जारी हुआ था, और अगस्त 2022 तक आवेदन प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी। लेकिन लगभग तीन साल बीत जाने के बावजूद अब तक परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी है। टीजीटी के 3539 पदों के लिए 8.69 लाख और पीजीटी के 624 पदों के लिए 4.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। कुल मिलाकर 13.19 लाख से अधिक उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।
पहले भी दो बार टल चुकी है परीक्षा
यह पहला मौका नहीं है जब परीक्षा को टाला गया हो। इससे पहले यह परीक्षा 4 और 5 अप्रैल को प्रस्तावित थी, जिसे स्थगित कर 14 और 15 मई को कराने का निर्णय लिया गया था। अब एक बार फिर इसे जुलाई में शिफ्ट कर दिया गया है। इस बार स्थगन से अभ्यर्थियों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर कई उम्मीदवारों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि तीन साल से सिर्फ तारीखें बदली जा रही हैं, लेकिन परीक्षा नहीं कराई जा रही।
पीजीटी परीक्षा तय तिथि पर
वहीं राहत की बात यह है कि प्रवक्ता (PGT) पद की परीक्षा अपनी पूर्व निर्धारित तिथियों 18 और 19 जून को ही आयोजित की जाएगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि पीजीटी परीक्षा में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। यह तय तिथि पर ही होगी।
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