यूपी के किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है, के लाखों किसानों को इस बढ़ी हुई एफआरपी से सीधा लाभ मिलेगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे प्रधानमंत्री मोदी की किसान-हितैषी सोच का प्रमाण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह निर्णय 5 करोड़ गन्ना किसानों और 5 लाख श्रमिकों के जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता का आधार बनेगा।”
एफआरपी का गणित: कैसे तय होता है मूल्य
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एफआरपी की यह नई दर 10.25% की चीनी रिकवरी दर पर आधारित है। यदि चीनी की प्राप्ति दर इससे अधिक होती है, तो हर 0.1% अतिरिक्त रिकवरी पर किसानों को ₹3.46 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भुगतान मिलेगा। वहीं, यदि चीनी की रिकवरी दर घटती है, तो उतनी ही दर से कटौती भी की जाएगी, लेकिन न्यूनतम भुगतान ₹329.05 प्रति क्विंटल सुनिश्चित किया गया है।
चीनी उद्योग से जुड़े लाखों परिवारों को राहत
देश में चीनी उद्योग एक प्रमुख कृषि आधारित क्षेत्र है, जिससे 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसान, उनके परिवार, मिलों में कार्यरत लगभग 5 लाख श्रमिक और खेतिहर मजदूर, ट्रांसपोर्ट कर्मचारी सहित कई अन्य सहायक क्षेत्र जुड़े हुए हैं। ऐसे में एफआरपी में यह वृद्धि न केवल किसानों को राहत देगी, बल्कि पूरे कृषि-आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।
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