बिहार में मछली पालकों के लिए बड़ी खबर, तुरंत पढ़ें

पटना: बिहार समेत पूरे देश के मछली पालकों और मछुआरों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक नई पहल की गई है। सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र को संगठित, पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से "नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP)" की शुरुआत की है। अब इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया गया है।

सरकार का दावा है कि यह योजना मछली पालकों और मछुआरों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इसके माध्यम से उन्हें सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा, सब्सिडी, प्रशिक्षण, ऋण सुविधा और विपणन से जुड़ी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेगी।

हालांकि, जमीन पर तस्वीर कुछ और ही है। रजिस्ट्रेशन की रफ्तार बेहद धीमी है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी भी इस योजना को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। इसलिए यदि आप मछली पालन करते हैं तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से करा लें।

क्या है NFDP?

NFDP यानी नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म एक केंद्रीकृत डिजिटल व्यवस्था है, जहां देश के सभी मत्स्य पालकों, मछुआरों, व्यापारियों और संबंधित व्यवसायों को एक साथ जोड़ा जाएगा। इस पोर्टल के जरिए सभी डेटा एकत्रित किए जाएंगे, जिससे योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में मत्स्य पालन से जुड़ी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ केवल NFDP पर पंजीकृत लाभार्थियों को ही मिलेगा। इसलिए रजिस्ट्रेशन करना अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि एक जरूरी कदम बन गया है।

क्या है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया?

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन है। इच्छुक लाभार्थी NFDP की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम, पहचान पत्र, व्यवसाय से जुड़ी जानकारी और बैंक विवरण दर्ज कर सकते हैं। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और तकनीकी जानकारी की कमी के कारण कई मछली पालक अभी तक इससे जुड़ नहीं पाए हैं।

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