समिति करेगी समस्याओं की समीक्षा और समाधान
राज्य सरकार की ओर से गठित इस समिति में मुख्य सचिव समेत कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति का मुख्य उद्देश्य अनुदानित और वित्त रहित शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों से जुड़ी समस्याओं की गहन समीक्षा करना और उनके स्थायी समाधान के लिए ठोस अनुशंसाएं देना है।
समिति के कार्य क्षेत्र में निम्न पहलू शामिल हैं
सहायक अनुदान की समय पर निर्गमन प्रक्रिया, शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों का वेतन या मानदेय निर्धारण, समयबद्ध वेतन भुगतान की व्यवस्था, वेतन वितरण में आ रही विसंगतियों का निराकरण, संस्थानों की स्थापना से संबंधित अन्य प्रशासनिक और वित्तीय मुद्दे।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दी जानकारी
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, "माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा वित्त रहित शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी!" उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गठित यह समिति संबंधित शिक्षकों के वेतनमान, अनुदान, और अन्य लाभों को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करेगी। चौधरी ने सभी संबंधित कर्मियों को शुभकामनाएं भी दीं।
वर्षों से लंबित थीं यह मांगें
राज्य के वित्त रहित शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों की यह मांग वर्षों से लंबित थी। वे लगातार सरकार से समान वेतन, समय पर भुगतान और सेवा सुरक्षा की मांग कर रहे थे। उनके आंदोलन और ज्ञापन का असर अब साफ दिख रहा है। नीतीश सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।
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