रूस ने फिर भारत का दिया साथ: अमेरिका पर बोला हमला!

नई दिल्ली। रूस और भारत के ऐतिहासिक और गहरे संबंध एक बार फिर वैश्विक मंच पर मजबूती से उभरे हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के फैसले का खुलकर समर्थन करते हुए अमेरिका पर तीखा हमला बोला है। उनका यह बयान सिर्फ एक कूटनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारत-रूस के मजबूत होते रणनीतिक रिश्तों की पुष्टि है।

तेल खरीद पर अमेरिका की नाराज़गी

यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर व्यापक आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के तहत उन्होंने कई देशों पर दबाव बनाया कि वे रूस के साथ व्यापारिक संबंधों में कटौती करें, खासकर तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में। भारत द्वारा रूस से रियायती दर पर तेल खरीद जारी रखने को लेकर अमेरिका ने कई बार अप्रत्यक्ष रूप से आपत्ति जताई है।

लावरोव का भारत के पक्ष में स्पष्ट संदेश

रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने साफ कहा कि भारत अपनी विदेश नीति खुद तय करता है और अमेरिका को यह अधिकार नहीं कि वह भारत को बताए कि किस देश से व्यापार किया जाए। उन्होंने दो टूक कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक फैसले द्विपक्षीय होते हैं और इसमें किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है।

भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की प्रशंसा

लावरोव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए इसे "राष्ट्रीय गर्व" और "स्वाभिमान" से जुड़ा बताया। उन्होंने यह भी दोहराया कि रूस भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का हमेशा सम्मान करता आया है और आगे भी करता रहेगा।

भारत दौरे की तैयारी में लावरोव

दिसंबर में होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले लावरोव भारत आने की योजना बना रहे हैं। यह यात्रा न सिर्फ दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद को आगे बढ़ाएगी, बल्कि वैश्विक राजनीति में बन रहे नए ध्रुवों के बीच भारत-रूस के रिश्तों को फिर से केंद्र में ला सकती है।

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