राज्य के पथ निर्माण विभाग ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है और बाइपास निर्माण प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इन बाइपास सड़कों के बन जाने के बाद हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों को शहरों के अंदर नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी, और शहरी क्षेत्र के लोगों को रोजाना लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा।
इन 9 शहरों में बनेंगे नए बाइपास
इस चरण में जिन शहरों में बाइपास बनाने का फैसला लिया गया है, उनमें शामिल हैं: सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज (एनएच 327 ई), सिंहेश्वर (एनएच 106), अरवल, दाउदनगर, औरंगाबाद (एनएच 98), डुमरांव और दावथ (एनएच 120), इन बाइपास सड़कों का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्से के रूप में होगा, जिससे इन मार्गों की उपयोगिता और कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो जाएगी।
पहले ही 14 बाइपास हो चुके हैं तैयार
यह कोई पहली कोशिश नहीं है। इससे पहले राज्य में 14 बाइपास सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है, जिनपर अब नियमित रूप से गाड़ियां दौड़ रही हैं। इनमें छपरा, सीवान, गोपालगंज, कटिहार, गया, जहानाबाद, मसौढ़ी, अस्थावां, बरबीघा, सीतामढ़ी, जयनगर, दनियावां, बाढ़ और भागलपुर जैसे शहर शामिल हैं।
राज्यव्यापी योजना के तहत हो रहा काम
पथ निर्माण विभाग की यह योजना दरअसल एक बड़े राज्यव्यापी अभियान का हिस्सा है। राज्य सरकार ने बिहार में कुल 120 बाइपास बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के तहत पहले चरण में जिन मार्गों की पहचान की गई थी, उनमें से कई पर निर्माण कार्य या तो पूरा हो चुका है या फिर निर्माणाधीन है।
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