अमेरिका में शटडाउन लागू: क्या है अमेरिका का शटडाउन?

न्यूज डेस्क। अमेरिका एक बार फिर शटडाउन की स्थिति में पहुंच गया है। अमेरिकी समयानुसार आधी रात से देश की संघीय सरकार का संचालन ठप हो गया है। वजह वही पुरानी राजनीतिक दलों के बीच बजट पर सहमति न बन पाना। इस बार भी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच तीखा टकराव हुआ, जिससे सरकारी एजेंसियों को बंद करने की नौबत आ गई।

क्या होता है शटडाउन?

संघीय सरकार को चलाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस हर साल बजट पास करती है। यदि किसी वजह से समय पर बजट पास नहीं होता या खर्च के लिए जरूरी फंडिंग को मंजूरी नहीं मिलती, तो कई सरकारी विभागों की सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी जाती हैं। इसे ही शटडाउन कहा जाता है। इस दौरान 'गैर-जरूरी' सेवाएं बंद कर दी जाती हैं और लाखों कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भी भेज दिया जाता है।

कैसे पहुंची नौबत यहां तक?

इस बार भी टकराव की जड़ बजट प्रस्ताव को लेकर थी। डेमोक्रेट्स एक विस्तृत फंडिंग बिल लाना चाहते थे, जिसमें हेल्थकेयर और घरेलू योजनाओं के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई थी। दूसरी ओर, रिपब्लिकन पार्टी एक अल्पकालिक (शॉर्ट-टर्म) फंडिंग प्लान के पक्ष में थी, जिससे सरकार कुछ हफ्तों तक चल सके। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया, और परिणामस्वरूप बजट पर सहमति नहीं बन सकी। इसके चलते आधिकारिक रूप से सरकार का संचालन रुक गया।

ट्रंप के कार्यकाल में तीसरी बार शटडाउन

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए यह तीसरी बार है जब अमेरिका को शटडाउन का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2018 के अंत में एक बड़ा शटडाउन हुआ था, जो रिकॉर्ड 35 दिनों तक चला। तब ट्रंप ने मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए 5.7 अरब डॉलर की मांग की थी, जिसे कांग्रेस ने ठुकरा दिया था। वही टकराव सरकार बंदी की सबसे लंबी अवधि में तब्दील हो गया। फरवरी 2019 में एक और छोटा शटडाउन हुआ था, जो तीन दिन चला था।

एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप

शटडाउन के बाद अमेरिकी राजनीति गर्मा गई है। रिपब्लिकन नेता जॉन थ्यून ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स ने "राजनीतिक ज़िद" के चलते देश की जनता को संकट में डाला। दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर ने पलटवार करते हुए कहा कि रिपब्लिकन पार्टी संवाद से भाग रही है और जरूरी सेवाओं को खतरे में डाल रही है।

आम जनता पर क्या असर?

शटडाउन का सबसे बड़ा असर उन सरकारी कर्मचारियों पर पड़ता है, जो हर महीने की तनख्वाह पर निर्भर होते हैं। कई विभाग जैसे विजिटिंग पार्क, संग्रहालय, पासपोर्ट सेवा, वीज़ा प्रक्रिया, टैक्स सहायता बुरी तरह प्रभावित होते हैं। हालाँकि, सेना, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, और इमरजेंसी सेवाओं जैसे ज़रूरी कार्य जारी रहते हैं।

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