प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोयाल को तत्काल प्रभाव से वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वेतन रुकने की घटना पर न केवल नाराजगी जताई है, बल्कि संबंधित अधिकारियों से 3 अक्टूबर तक विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। डिप्टी सीएम ने साफ किया है कि रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
त्योहार से पहले राहत
डिप्टी सीएम ने कहा है कि अक्टूबर में दशहरा और दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार हैं, ऐसे में कर्मचारियों को समय से वेतन मिलना बेहद आवश्यक है। सरकार की कोशिश है कि किसी भी कर्मचारी को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वेतन वितरण में अब और देरी नहीं की जाएगी।
'एसएनए स्पर्श' प्रणाली बनी अड़चन
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनाओं में भुगतान प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए ‘एसएनए स्पर्श’ नामक एक नई प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत राज्यों को केंद्र से मिलने वाले बजट की मॉनिटरिंग और फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया और अधिक नियंत्रित की जाती है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में इस प्रणाली को लागू करने के लिए आवश्यक कागजी कार्यवाही समय से पूरी नहीं की जा सकी। जुलाई महीने में किसी तरह वेतन भुगतान हो गया था, लेकिन अगस्त से यह प्रक्रिया रुक गई, जिससे हजारों कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया।
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