क्या है लिथियम और क्यों है यह खास?
लिथियम एक बेहद हल्की, चांदी जैसी चमकदार और प्रतिक्रियाशील धातु है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला तत्व माना जाता है। इसका उपयोग खासकर मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन और रिचार्जेबल बैटरियों में किया जाता है। यही कारण है कि इसे 'व्हाइट गोल्ड' का नाम दिया गया है।
आत्मनिर्भरता की ओर भारत
अब तक भारत अपनी लिथियम की ज़रूरतों का 70-80% हिस्सा चीन जैसे देशों से आयात करता था, लेकिन नागौर में मिले इस भंडार से तस्वीर बदलने जा रही है। यह खोज भारत को बैटरी निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग, मोबाइल और लैपटॉप निर्माण में तेज़ी आएगी। साथ ही, 'मेक इन इंडिया' जैसी योजनाओं को ज़मीनी ताकत भी मिलेगी।
रोजगार का नया रास्ता
लिथियम की इस खोज से न केवल भारत को वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में नई पहचान मिलेगी, बल्कि राजस्थान को आर्थिक रूप से भी जबरदस्त फायदा होगा। राज्य का राजस्व बढ़ेगा और हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, खासकर खनन, बैटरी निर्माण और उससे जुड़े उद्योगों में।
खनन प्रक्रिया की शुरुआत
केंद्र सरकार के खनन मंत्रालय ने लिथियम खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। इच्छुक कंपनियों के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 1 दिसंबर 2025 तय की गई है। इसके बाद लिथियम के व्यावसायिक खनन का रास्ता साफ होगा, जिससे भारत में बैटरी उत्पादन का एक नया युग शुरू हो सकता है।
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