1 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि पड़ी है
हाल ही में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि देश में विभिन्न संस्थानों के पास 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि ऐसी है जिसे कोई दावा नहीं किया गया। बैंकों में: 78,000 करोड़ रुपये, बीमा कंपनियों में: 14,000 करोड़ रुपये, म्यूचुअल फंडों में: 3,000 करोड़ रुपये, डिविडेंड के रूप में: 9,000 करोड़ रुपये। इन आंकड़ों ने लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि कई बार नागरिकों को यह पता ही नहीं होता कि उनके नाम से कहीं धनराशि पड़ी है।
कहां से मिलेगी अनक्लेम्ड पैसे की जानकारी?
सरकार ने नागरिकों की सुविधा के लिए विभिन्न वित्तीय क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग पोर्टल तैयार किए हैं:
1. बैंक जमा राशि – RBI का UDGAM पोर्टल: इस पोर्टल पर जाकर कोई भी व्यक्ति अपने पुराने या निष्क्रिय बैंक खातों में पड़े अनक्लेम्ड पैसों की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
2. बीमा पॉलिसी – IRDAI का Bima Bharosa पोर्टल: यह पोर्टल उन लोगों के लिए है जिनकी बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि या क्लेम लंबे समय से लंबित है।
3. म्यूचुअल फंड – SEBI का MITRA पोर्टल: म्यूचुअल फंड निवेश से जुड़ा कोई भी अनक्लेम्ड अमाउंट यहां से पता लगाया जा सकता है।
4. डिविडेंड व शेयर – IEPFA पोर्टल: कॉर्पोरेट मंत्रालय द्वारा तैयार यह पोर्टल भूले हुए डिविडेंड, शेयर और डिमैट से जुड़े अनक्लेम्ड धन की जानकारी उपलब्ध कराता है।
ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए 477 जिलों में शिविर
सरकार ने इस पहल को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देशभर के 477 जिलों में सुविधा शिविर आयोजित किए हैं। ये शिविर ग्रामीण और शहरी, दोनों ही इलाकों में लगाए जा रहे हैं, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी आसानी से अपनी अनक्लेम्ड राशि का पता लगा सकें। इन शिविरों में विशेषज्ञों की टीम नागरिकों को आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाओं में मदद कर रही है।

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