योजना के मुख्य बिंदु
इस वित्तीय वर्ष में कोसी क्षेत्र में 5,000 मधुमक्खी बाक्स स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक बाक्स की कुल लागत 3,800 रुपये है, जिसमें से सरकार 2,850 रुपये प्रति बाक्स अनुदान के रूप में देगी। यानी किसानों को केवल 950 रुपये प्रति बाक्स खर्च करने होंगे।
शहद की निकासी और पैकिंग के लिए विशेष प्लांट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उत्पाद का बेहतर विपणन राज्यभर में किया जा सके।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता
मधुमक्खी पालन की योजना केवल आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। विभाग द्वारा किसानों और युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसमें शामिल हैं: मधुमक्खी पालन के सही तरीके और देखभाल। शहद की सही निकासी और पैकिंग के तकनीकी गुर। प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले प्रशिक्षित लोगों को अनुदान आधारित बाक्स उपलब्ध कराना।
इस योजना का क्या है सरकारी उद्देश्य
इस पहल का लक्ष्य कोसी क्षेत्र में मधुमक्खी पालन को व्यापक स्तर पर बढ़ाना और शहद उत्पादन को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाना है। आने वाले वर्षों में उम्मीद है कि इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और शहद का उत्पादन बड़े पैमाने पर होगा।
जिला उद्यान अधिकारी शैलेंद्र कुमार के अनुसार, योजना के प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण कार्य चल रहे हैं, और भविष्य में इसे और अधिक बढ़ाया जाएगा। यह योजना किसानों और युवाओं दोनों के लिए लाभकारी साबित होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देगी।

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