189 किमी लंबा आधुनिक हाईवे
यह एक्सप्रेस-वे गयाजी जिले के आमस से शुरू होकर दरभंगा तक बनेगा, जिसकी कुल लंबाई लगभग 189 किलोमीटर होगी। एनएचएआई के अनुसार, पटना से गया के हिस्से में लगभग 40% निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक पूरा प्रोजेक्ट तैयार हो जाए।
करीब 5,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से यह परियोजना चार पैकेजों में बांटकर तैयार की जा रही है। निर्माण के बाद यह हाइवे न सिर्फ यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि आसपास के इलाकों में व्यापार, रोजगार और पर्यटन को भी नई दिशा देगा।
किन जिलों को मिलेगा लाभ?
यह एक्सप्रेस-वे कुल 7 प्रमुख जिलों को आपस में जोड़ेगा। जिसमे शामिल हैं औरंगाबाद, गयाजी, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा। इन जिलों के बीच यात्रा पहले की तुलना में काफी आसान और तेज हो जाएगी।
पर्यटन को मिलेगी नई दिशा
यह एक्सप्रेस-वे बोधगया महाबोधि मंदिर और गया एयरपोर्ट को भी हाइवे नेटवर्क से जोड़ेगा। इससे धार्मिक पर्यटन को गति मिलेगी और पर्यटकों के लिए यहां पहुंचना आसान होगा। यह तीन एयरपोर्ट्स को कनेक्टिविटी देगा। जिसमे गया एयरपोर्ट, पटना एयरपोर्ट और दरभंगा एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
समय और दूरी दोनों कम होंगे
गयाजी से दरभंगा की कुल दूरी अभी लगभग 210 किलोमीटर मानी जाती है। नए एक्सप्रेस-वे के बाद यह सफर 2 से 2.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जिससे पटना-दरभंगा और गया-दरभंगा यात्राओं में भी समय की बड़ी बचत होगी।

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