विधान परिषद में उठा मुद्दा, मिली तेज़ी
कुछ दिन पहले विधान परिषद के सत्र के दौरान सदस्य मुरारी मोहन झा ने बड़े पैमाने पर वेतन कटौती के इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने बताया कि कई शिक्षक रोजाना समय पर स्कूल पहुंचकर मोबाइल एप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करते थे, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते उनकी हाजिरी सिस्टम में सेव नहीं हो पा रही थी। परिणामस्वरूप कई शिक्षकों का पूरा दिन का वेतन काट लिया गया।
श्री झा ने सरकार से मांग की कि यह कटौती अन्यायपूर्ण है और हकदार शिक्षकों को उनका वेतन वापस मिलना चाहिए। परिषद में उठाए गए इस मुद्दे का असर तुरंत दिखा और शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी।
शिक्षा विभाग ने जारी किए जरूरी निर्देश
शिक्षा विभाग की प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (DPO-स्थापना) को इस मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने साफ कहा है कि जिन शिक्षकों की हाजिरी मोबाइल एप में तकनीकी कारणों से दर्ज नहीं हो सकी, लेकिन वे उस दिन स्कूल में भौतिक रूप से उपस्थित थे, उनका कटा हुआ वेतन वापस किया जाए।
इसके लिए संबंधित शिक्षकों से आवश्यक साक्ष्य, स्पष्टीकरण या भौतिक उपस्थिति का प्रमाण मांगा जाएगा। सत्यापन पूरा होने के बाद वेतन भुगतान किया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था “विशेष परिस्थिति” में ही लागू होगी।
शिक्षकों में खुशी और राहत
इस निर्णय के बाद शिक्षकों में उत्साह और राहत दोनों है। कई शिक्षक लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि ऐप की खराबी के कारण उन्हें अनुचित आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। विभाग द्वारा की गई इस पहल ने न केवल उनकी समस्या को मान्यता दी है, बल्कि समाधान की दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं।

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