किसानों और उद्यमियों को सीधा लाभ
इस योजना के अंतर्गत किसानों को मखाना की कटाई और प्रसंस्करण में उन्नत तकनीक सिखाने, गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने, मूल्य संवर्धन और मार्केटिंग में सहायता देने का प्रावधान है। इसके जरिए किसानों और नए उद्यमियों के लिए आय बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर बनाने की संभावना है।
शोध और प्रशिक्षण पर विशेष जोर
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और NRC मखाना, दरभंगा को प्रशिक्षकों को मखाना मूल्य शृंखला की नई तकनीकों पर प्रशिक्षण देने का जिम्मा सौंपा गया है। इससे पारंपरिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बुनियादी ढांचा और तकनीकी सुधार
केंद्रीय मखाना विकास योजना के तहत उन्नत खेती और प्रसंस्करण तकनीकों का विकास किया जाएगा। इसके लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना, ग्रेडिंग, ड्राइंग, पॉपिंग और पैकेजिंग जैसे उपाय किए जाएंगे। साथ ही मखाना उत्पादों की ब्रांडिंग और निर्यात क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा।
गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार
इस पहल से मखाना उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ मखाना उद्योग को भी आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय मखाना विकास योजना और राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना के बाद अब बिहार के किसानों और उद्यमियों के पास उत्पादन बढ़ाने, तकनीक सीखने और बाजार में मजबूत पहचान बनाने का सुनहरा अवसर है।
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