पोर्टल बंद रहने के कारण सबसे अधिक परेशानी उन शिक्षकों को हुई, जिन्होंने अपनी सेवा के 10 वर्ष पूरे कर लिए थे। अनुमान के अनुसार लगभग 55 से 60 हजार शिक्षक चयन वेतनमान के लाभ से वंचित रह गए थे। अब पोर्टल के पुनः चालू होने से इन शिक्षकों को उम्मीद है कि उनकी फाइलें आगे बढ़ेंगी और जल्द ही उन्हें आर्थिक लाभ मिल सकेगा।
हालांकि, पोर्टल शुरू होने के साथ कुछ नई चुनौतियां भी सामने आई हैं। वर्तमान स्थिति में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) स्तर पर केवल प्राथमिक सहायक अध्यापकों की सूची ही दिखाई दे रही है। पहले बीईओ और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) स्तर पर जो प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी थीं, वे अब रीसेट हो गई हैं। ऐसे में अधिकारियों को सभी सूचियां नए सिरे से तैयार करनी होंगी, जिससे कार्यभार बढ़ गया है।
शिक्षकों का कहना है कि जिन शिक्षकों ने 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर ली है, उनका चयन वेतनमान बिना देरी के पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए। उनका यह भी आग्रह है कि प्रक्रिया पूरी होते ही भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि लंबे समय से चली आ रही असमंजस की स्थिति खत्म हो सके।
सकारात्मक पहलू यह है कि तकनीकी अपडेट के बाद मानव संपदा पोर्टल को पहले की तुलना में अधिक सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया गया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि आवेदन, सत्यापन और स्वीकृति की प्रक्रिया अब पहले से तेज और पारदर्शी होगी। मानव संपदा पोर्टल का दोबारा शुरू होना यूपी के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए एक अहम कदम है।
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