भाई दूज का शुभ मुहूर्त : दोपहर 01:10 मिनट से शाम 03:21 बजे तक रहेगा।
तिलक अवधि: कुल मिलाकर 2 घंटा 11 मिनट की रहेगी।
भाई दूज का महत्व: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाई-बहन के पावन प्रेम के प्रतीक के रूप में भाई द्वितीया यानि की भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता हैं। उत्तर और मध्य भारत में यह पर्व मातृ द्वितीया भैया दूज के नाम से जाना जाता है। जबकि पूर्व में भाई-कोटा, पश्चिम में भाईबीज और भाऊबीज कहलाता है।
भाई दूज पर बहन की मुस्कुराहट से यम भी प्रसन्न होते हैं। इससे भाईयों की उम्र लंबी हो जाती हैं। साथ ही साथ भाईयों के जीवन में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती हैं। साथ ही साथ भाई-बहन के रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत हो जाते हैं।
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