खबर के अनुसार आज मेले के आखिरी पड़ाव पर बड़ी मात्रा में लोग बक्सर के गंगा नदी में स्नान करने के बाद लिट्टी-चाेखा बनाकर खाएंगे। साथ ही साथ अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसे सेलिब्रेट करेंगे। ये नजारा देखने लायक होगा।
आपको बता दें की बक्सर में लिट्टी-चोखा बनाने के लिए गोबर के उपले का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। जिसके धुएं से पूरे शहर का आसमान भर गया है। लोग लिट्टी-चोखा बनाने की शुरुआत कर दिए हैं। यह नजारा आज रात तक दिखाई देगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने बक्सर और इर्द-गिर्द के चार गांवों में पांच दिनों तक घूमते हुए अलग-अलग व्यंजन खाए थे। साथ ही साथ उन्होंने बक्सर में ही ताड़का का वध किया था। इसी कारण से श्रद्धालु यहां पांच दिनों तक मेला लगाते हैं।
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