उनका कहना है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सेवाओं पर निगरानी रखी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि रैयतों को समय पर इन सेवाओं का लाभ मिले। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को अपने कार्यशैली में सुधार लाने की भी हिदायत दी गई है।
सुस्त जिलाधिकारियों पर कार्रवाई
मुख्य सचिव ने उन जिलों को चेतावनी दी है, जो राजस्व मामलों में धीमी गति से काम कर रहे हैं। खासकर पूर्वी चंपारण और नवादा जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी रैंकिंग में सुधार लाएं और आवेदनों के निपटारे में तेजी लाएं। साथ ही, जमुई, दरभंगा और भोजपुर जिलों को भी विशेष रूप से सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
ई-मापी की सुस्ती पर नाराजगी
पटना, भोजपुर और मधेपुरा जिलों में ई-मापी (Electronic Measurement of Land) की धीमी गति पर मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वे अंचलाधिकारियों की मासिक बैठक में अभियान बसेरा की प्रगति की समीक्षा करें ताकि कोई शिकायत न रह जाए और यह कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरा हो सके।
राजस्व न्यायालयों में सुधार
राजस्व न्यायालयों से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सप्ताह में कम से कम चार दिन न्यायालय का कार्य देखें। इसके अलावा, राजस्व न्यायालयों के डिजिटाइजेशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए धन का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाया जा सके।
अंचलों पर सख्ती
बैठक में यह भी बताया गया कि पिछले चार महीनों में जिन अंचलों का मासिक कार्य मूल्यांकन कमजोर रहा है, उन अंचलों की पहचान की गई है। अब जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन अंचलों के कार्यों की सख्त समीक्षा करें और उन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जो लगातार खराब प्रदर्शन कर रहे हैं।
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