बिहार में सभी सरकारी स्कूलों के लिए 1 नए निर्देश

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में एक नया और ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि कक्षा छह से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर पाठ्यक्रम को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र, यानी एक अप्रैल 2025 से शुरू होगा। इस कदम के तहत छात्रों को अब न केवल पारंपरिक विषयों में शिक्षा मिलेगी, बल्कि तकनीकी शिक्षा भी दी जाएगी, जिससे उन्हें डिजिटल दुनिया में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

कंप्यूटर शिक्षा का महत्व

आज के समय में डिजिटल शिक्षा और तकनीकी कौशल का महत्व बहुत बढ़ चुका है। कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी के बिना कोई भी क्षेत्र प्रगति नहीं कर सकता। सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय छात्रों को शुरुआती स्तर से ही कंप्यूटर ज्ञान देने के उद्देश्य से किया गया है। इससे वे भविष्य में न केवल तकनीकी क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने में सक्षम होंगे, बल्कि सामान्य जीवन में भी कंप्यूटर का सही उपयोग करना सीखेंगे।

परीक्षा में कंप्यूटर विषय का समावेश

इस कदम के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक यह है कि कंप्यूटर को अब अन्य पारंपरिक विषयों की तरह परीक्षा में शामिल किया जाएगा। पहले साल में, यानी सितंबर 2025 में होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा में कंप्यूटर विषय की पहली परीक्षा ली जाएगी। इससे छात्रों में इस विषय को लेकर गंभीरता और रुचि बढ़ेगी। परीक्षा प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे कंप्यूटर के विभिन्न पहलुओं को सही ढंग से समझ रहे हैं और उनका उपयोग कर पा रहे हैं।

पाठ्यक्रम और किताबें भी होगी उपलब्ध

कंप्यूटर पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) पूरी तरह से तैयार है। एससीईआरटी ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है और इसके लिए किताबों की छपाई भी पूरी हो चुकी है। मार्च के अंत तक कंप्यूटर की किताबें सभी सरकारी स्कूलों में पहुंच जाएंगी, ताकि नए सत्र से पहले छात्रों को इन किताबों का उपयोग करने का समय मिल सके।

इसके अलावा, कंप्यूटर शिक्षा के लिए योग्य शिक्षकों की बहाली भी की जा रही है। सरकार इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि छात्रों को सही दिशा में शिक्षा मिल सके, और इसके लिए प्रशिक्षित और विशेषज्ञ शिक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं।

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