यूपी में 5 लाख कर्मियों का 1 अप्रैल से बढ़ेगा मानदेय

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के करीब 5 लाख आउटसोर्स कर्मियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। 1 अप्रैल 2025 से इन कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 18,000 रुपये होगा। इस फैसले से प्रदेश भर के आउटसोर्स कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, और उनके चेहरे पर एक नई उम्मीद की चमक दिख रही है।

एक साल का संघर्ष और उसकी सफलता

आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद पिछले एक वर्ष से लगातार प्रयास कर रही थी। परिषद के प्रयासों और मुख्यमंत्री से हुई मुलाकातों का ही परिणाम है कि अब इन कर्मियों का मानदेय बढ़कर 18,000 रुपये किया गया है। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात की गई थी और उनके द्वारा किया गया यह निर्णय, इस लंबे संघर्ष का परिणाम है।

मुख्यमंत्री का निर्णय, कर्मियों के चेहरे पर मुस्कान

इस घोषणा के बाद, आउटसोर्स कर्मियों को मिलने वाली राशि में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। इससे न केवल कर्मियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम इस बात का प्रतीक है कि राज्य सरकार श्रमिकों और कर्मियों के हितों के प्रति गंभीर है और उनकी समस्याओं को समझते हुए निर्णय ले रही है।

सरकार के इस फैसले से 5 लाख कर्मियों का भविष्य उज्जवल

प्रदेश के लगभग 5 लाख आउटसोर्स कर्मियों के लिए इस फैसले से नए अवसर खुलेंगे। इन कर्मियों में से अधिकांश वे हैं, जिन्होंने अपनी सेवाएं सरकारी विभागों में प्रदान की हैं, लेकिन वे अनुबंध पर काम करते हुए लंबे समय से मानदेय और सुविधाओं में असंतोष महसूस कर रहे थे। अब इस वृद्धि के साथ, न केवल उनके वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह उन्हें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित भी करेगा।

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