यूपी में मक्का, मूंग, उड़द, सूरजमुखी बीज पर 50% तक अनुदान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार द्वारा कृषि विभाग ने राज्य के किसानों को मक्का, मूंग, उड़द और सूरजमुखी की खेती के लिए 50% तक अनुदान देने की योजना की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य किसानों को इन फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना और उनकी आय में वृद्धि करना है। यह पहल खासतौर पर तराई क्षेत्र में दलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। इसके माध्यम से न केवल किसानों को अनुदान मिलेगा, बल्कि राज्य में खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

उड़द की खेती: दलहनी फसल का लाभ

उड़द की खेती दलहनी फसलों की श्रेणी में आती है, और यह एक महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है। इसकी खासियत यह है कि यह 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है, जो किसानों के लिए एक त्वरित और लाभकारी फसल बनाती है। उड़द की खेती के लिए तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक होना चाहिए, जो इसे गर्मी के मौसम के लिए आदर्श बनाता है।

मूंग की खेती: मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि

मूंग एक और महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, जो खेतों की मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाकर अन्य फसलों के उत्पादन में सुधार करती है। मूंग की खेती के लिए गर्म जलवायु की जरूरत होती है, और यह फसल आमतौर पर उन क्षेत्रों में सफल होती है जहां 60-75 सेमी तक वार्षिक वर्षा होती है।

सूरजमुखी और मक्का: उच्च गुणवत्ता की खाद्य फसलें

यूपी सरकार द्वारा मक्का और सूरजमुखी के बीज पर भी 50% अनुदान की योजना दी गई है। इन दोनों फसलों की खेती से किसानों को बेहतर आय हो सकती है। मक्का विशेष रूप से पशुओं के आहार के लिए और सूरजमुखी का तेल स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है। किसानों को यह बीज किसी भी राजकीय कृषि बीज भंडार से मिल सकते हैं, जहां पॉस मशीन के माध्यम से अनुदान का वितरण किया जा रहा है।

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