बिहार में नहीं होगी बीपीएससी की दोबारा परीक्षा, हाई कोर्ट में अर्जी खारिज

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा, जो 13 दिसंबर 2024 को हुई थी, ने इस बार एक नया विवाद खड़ा कर दिया। कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाया और इस वजह से अदालत में याचिका दायर की, जिसमें परीक्षा को रद्द करने और सभी अभ्यर्थियों का दोबारा परीक्षा लेने की मांग की गई थी। लेकिन, हाल ही में पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया, जिससे बीपीएससी के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है।

हाई कोर्ट का फैसला: 

पटना हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई पूरी करने के बाद 19 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रखा था और शुक्रवार, 28 मार्च को इसे सुनाया। अदालत ने यह साफ किया कि बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा। याचिकाओं को खारिज कर दिया गया और अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा की मांग को अस्वीकार कर दिया गया।

इसके बावजूद, अदालत ने आयोग को परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार करने की दिशा में कदम उठाने की सलाह दी। अदालत ने आयोग को निर्देश दिया कि परीक्षा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और साथ ही एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए, जो आगामी परीक्षाओं की प्रक्रिया की निगरानी करें।

आरोप और विवाद: 

इस परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप कई अभ्यर्थियों और परीक्षा केंद्रों से सामने आया था, जिसमें पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा कराने को लेकर भी विरोध जताया गया था। अभ्यर्थियों का कहना था कि परीक्षा में अनियमितताएं थीं, जिससे उन्हें उचित अवसर नहीं मिल पाया। इसके बावजूद, हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आयोग को सुधारात्मक कदम उठाने की सलाह दी, लेकिन परीक्षा को रद्द करने की मांग को अस्वीकार कर दिया।

बीपीएससी की स्थिति और भविष्य: 

यह निर्णय बीपीएससी के लिए एक राहत की खबर है क्योंकि आयोग पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, यह माना जा रहा था कि उसे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। हालांकि, बीपीएससी को अब भविष्य में इस तरह के आरोपों से बचने के लिए अपनी प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और सुरक्षित बनाना होगा। अदालत के आदेश के अनुसार, बीपीएससी को परीक्षा की गुणवत्ता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि आगामी परीक्षाओं में गड़बड़ी की स्थिति से बचा जा सके।

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