यूपी में घर-घर लगेंगे स्मार्ट मीटर, रिचार्ज खत्म होते ही कट जाएगी बिजली!

लखनऊ: यूपी में  बिजली विभाग द्वारा घर-घर स्मार्ट मीटर लगाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना, उपभोक्ताओं को सटीक बिजली खपत का हिसाब देना, और गलत बिलों से छुटकारा दिलाना है। यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि प्रदेश के बिजली विभाग के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

स्मार्ट मीटर का उद्देश्य

स्मार्ट मीटर लगाने का सबसे बड़ा उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना है। अक्सर यह देखा गया है कि बिना मीटर के बिजली चोरी की जाती है, जिससे सरकार को भारी नुकसान होता है। स्मार्ट मीटर की मदद से यह चोरी रोकी जा सकती है क्योंकि यह मीटर रियल-टाइम में बिजली खपत को ट्रैक करता है और डेटा को बिजली विभाग तक भेजता है।

साथ ही, यह उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत की सटीक जानकारी भी देता है। इससे उपभोक्ताओं को गलत बिल की समस्या से राहत मिलेगी, क्योंकि स्मार्ट मीटर द्वारा खपत का हिसाब पूरी तरह से सही तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को पारदर्शिता मिलेगी, बल्कि बिजली विभाग को भी बेहतर डेटा मिलेगा।

स्मार्ट मीटर के लाभ

1 .मीटर रीडर की आवश्यकता नहीं: स्मार्ट मीटर लगाने से मीटर रीडर के घर आने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। अब उपभोक्ताओं की बिजली खपत का डेटा सीधे इलेक्ट्रॉनिक रूप से विभाग तक पहुंच जाएगा, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

2 .सटीक बिजली बिलिंग व्यवस्था : स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ताओं को बिल की सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे गलत बिलिंग की समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। इस प्रक्रिया से उपभोक्ता केवल अपनी खपत के हिसाब से ही भुगतान करेंगे।

3 .प्रतिदिन की बिजली खपत की जानकारी: स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को अपनी दैनिक बिजली खपत का विवरण प्रदान करेंगे, जिससे वे अपनी खपत को नियंत्रित कर सकते हैं और अधिक बिजली बचा सकते हैं।

4 .रिचार्ज खत्म होने पर बिजली का कटना: एक अन्य महत्वपूर्ण सुविधा यह है कि स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली का रिचार्ज खत्म होते ही बिजली अपने आप बंद हो जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के बारे में जागरूकता मिलेगी और वे समय से पहले रिचार्ज कर सकेंगे।

स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग ने पहले सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया है। इसके तहत राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्मार्ट मीटर की शुरुआत की जा चुकी है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने राजधानी के 823 सरकारी कार्यालयों में 31 मार्च तक स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश दिए हैं। इनमें बिजली विभाग, कलेक्ट्रेट, पुलिस कमिश्नरेट, तहसील, राजस्व परिषद मुख्यालय, विकास भवन, कृषि भवन, खनिज भवन जैसी महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाएं शामिल हैं।

इसके बाद, इस प्रक्रिया को घरेलू उपभोक्ताओं के घरों तक भी पहुंचाया जाएगा। हालांकि, कुछ उपभोक्ता अभी भी स्मार्ट मीटर लगाने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन विभाग का मानना है कि धीरे-धीरे लोग इसके फायदों को समझेंगे और इसे स्वीकार करेंगे।

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