यूपी के प्राइवेट अस्पतालों को भी बनेगा बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालों को बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट जारी करने का जिम्मा सौंपा जाएगा। यह कदम प्रदेश के नागरिकों को बेहतर और अधिक सुलभ सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। कानपुर समेत प्रदेश के सभी निकायों में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है, जो अस्पतालों और नागरिकों दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

31 मार्च तक लागू होने वाली व्यवस्था

सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को 31 मार्च तक इस नई व्यवस्था को लागू करने का समय दिया है। इसका मतलब है कि सभी प्राइवेट अस्पतालों को बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता लानी होगी। अगर कोई अस्पताल इस जिम्मेदारी को निभाने में लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

पुराने सर्टिफिकेट का नवीनीकरण

इसके अलावा, शासन ने एक और महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जिसके तहत पुराने और हाथ से लिखे गए बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट को नए सर्टिफिकेट से बदला जा सकेगा। अब नागरिक ऑनलाइन आवेदन करके यह सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे, और इसके लिए एसडीएम के आदेश की भी आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया आसान और तेज होगी, जिससे लोगों को समय और ऊर्जा की बचत होगी।

सर्टिफिकेट पर क्यूआर कोड का महत्व

नई व्यवस्था में बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट पर अब क्यूआर कोड भी लगाया जाएगा। क्यूआर कोड के माध्यम से इन प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करना संभव होगा। इससे न केवल प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज़ों को भी रोका जा सकेगा। यह कदम सरकार की पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अस्पतालों के लिए सरकार का सख्त निर्देश

निदेशक और संयुक्त महारजिस्ट्रार, शीतल वर्मा ने सभी निकायों को पत्र जारी कर यह निर्देश दिए हैं कि बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट जारी करने में कोई भी लापरवाही न बरती जाए। यह निर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि अस्पताल और अन्य संबंधित संस्थाएं इस प्रक्रिया को सही और प्रभावी तरीके से लागू करें। सर्टिफिकेट जारी करने में किसी प्रकार की चूक या विलंब न हो, ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

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