प्रोन्नति को व्यवस्थित रूप से लागू करने के लिए शिक्षकों की सेवा अवधि और योग्यता के आधार पर समय-तालिका बनाई जा रही है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रोन्नति के साथ सभी देय सुविधाएँ और भत्ते समय पर प्रदान किए जाएँ।
इसके अलावा, छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित रखने के लिए शिक्षकों का पुनर्वितरण किया जाएगा। जिन स्कूलों में शिक्षक अधिक हैं, उन्हें उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां उनकी आवश्यकता अधिक है। यह प्रक्रिया हर जिले में प्राथमिकता के अनुसार लागू की जाएगी।
विभाग ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों को वेतन संरक्षण का लाभ मिला है, उनका बकाया भुगतान तुरंत किया जाए। इसी तरह, योगदान की तिथि के अनुसार विशिष्ट शिक्षकों को भी उनका बकाया वेतन समय पर प्राप्त होगा।
शिक्षकों के साथ-साथ परिचारियों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रत्येक जिले में परिचारियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान लिपिकों को कम से कम पांच पेज हाथ से लिखने का अभ्यास करवाया जाएगा, साथ ही कंप्यूटर और टाइपिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आपको बता दें की विभाग का यह पहल न केवल शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करती है, बल्कि छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को भी बढ़ाने में मदद करेगी। बिहार के शिक्षा क्षेत्र में यह कदम एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
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