लोकसभा में दिया गया स्पष्ट जवाब
वित्त मंत्रालय की ओर से लोकसभा में पूछे गए एक लिखित प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों, जो एनपीएस या यूपीएस के दायरे में आते हैं, उनके लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की कोई योजना फिलहाल नहीं है। इस बयान से यह साफ हो गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों को निकट भविष्य में OPS की वापसी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
राज्यों ने लिया अलग फैसला
हालांकि केंद्र सरकार के रुख से अलग कुछ राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम दोबारा लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) को इस संबंध में सूचित किया है। इन राज्यों ने अपने स्तर पर OPS लागू करने का रास्ता चुना है, लेकिन इसका सीधा असर केंद्र सरकार की नीति पर नहीं पड़ता।
NPS कॉर्पस लौटाने में कानूनी अड़चन
OPS लागू करने के फैसले के साथ एक बड़ा कानूनी सवाल भी सामने आया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा कानून में NPS के तहत जमा कर्मचारी और सरकारी अंशदान की राशि (कॉर्पस) को राज्यों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। PFRDA अधिनियम 2013 और उससे जुड़े नियमों में ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिसके जरिए यह राशि राज्य सरकारों को हस्तांतरित की जा सके।
UPS को लेकर सरकार की स्थिति
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर सरकार ने दोहराया कि यह एक फंड आधारित पेंशन प्रणाली है। इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों का नियमित योगदान निवेश के माध्यम से बढ़ता है। सरकार का दावा है कि UPS के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय कुछ सुनिश्चित लाभ मिलते हैं, जिससे भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए संदेश साफ
केंद्र सरकार के इस बयान के बाद तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो गई है। केंद्र के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के लिए OPS की वापसी फिलहाल एजेंडे में नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों को NPS और UPS के नियमों और लाभों को ध्यान में रखते हुए ही अपनी वित्तीय योजना बनानी होगी।

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