मेहनत को मिला सम्मान
यह पदोन्नति उन पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिन्होंने वर्षों तक फील्ड में जिम्मेदारी निभाई है। प्रमोशन के साथ न सिर्फ उनकी जिम्मेदारियां बढ़ेंगी, बल्कि सेवा में आगे बढ़ने के नए अवसर भी खुलेंगे। विभाग के भीतर इस फैसले को मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।
दो साल की परिवीक्षा अवधि
पदोन्नत किए गए सभी उप निरीक्षकों को उनके वर्तमान तैनाती स्थल पर ही दो वर्षों के लिए परिवीक्षाधीन रखा जाएगा। इस अवधि में उनके कार्य, अनुशासन और आचरण का मूल्यांकन किया जाएगा। सफल परिवीक्षा के बाद उन्हें स्थायी रूप से उप निरीक्षक पद पर समायोजित किया जाएगा।
घोषणा पत्र देना होगा अनिवार्य
पदोन्नति के साथ कुछ औपचारिक शर्तें भी तय की गई हैं। सभी पदोन्नत अधिकारियों को एक घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वे वर्तमान में निलंबित नहीं हैं, उनके खिलाफ कोई विभागीय जांच लंबित नहीं है, और न ही किसी आपराधिक अभियोजन में उनका नाम शामिल है। यह प्रक्रिया पदोन्नति में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से अपनाई गई है।
स्थानांतरण वालों के लिए भी स्पष्ट निर्देश
जिन मुख्य आरक्षियों का पहले ही स्थानांतरण हो चुका है, उन्हें भी फिलहाल वर्तमान तैनाती स्थल पर ही उप निरीक्षक के रूप में कार्यभार ग्रहण करना होगा। इससे विभागीय कामकाज में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा गया है।

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