किसे लगेगा लागू
स्वास्थ्य विभाग में कुल मिलाकर लगभग 8,500 डॉक्टर, 6,500 फार्मासिस्ट, 2,200 लैब टेक्नीशियन, 820 एक्स-रे टेक्नीशियन, 5,000 नर्स, 15,000 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा ईसीजी टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट और डार्क रूम टेक्नीशियन शामिल हैं। इन सभी को अब बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा। साथ ही, सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और अपर निदेशक मंडल के कार्यालयों में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएँगी।
चरणबद्ध तरीके से लागू
पहले चरण में अस्पतालों और सीएचसी पर बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके बाद पीएचसी में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। महानिदेशक ने बताया कि उपस्थिति दर्ज कराने के लिए जरूरी उपकरणों को लगाने के लिए लगभग दो माह का समय दिया गया है। उसके बाद सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा।
इसका उद्देश्य और प्रभाव
सरकार की यह पहल दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था से कर्मचारियों की निगरानी करना आसान होगा और अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की संभावना बढ़ेगी।

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