62 ग्राम पंचायतों की भूमि होगी रेल परियोजना में शामिल
जरवल से बहराइच तक प्रस्तावित नई रेल लाइन के निर्माण के लिए जिले की 62 ग्राम पंचायतों की भूमि उपयोग में लाई जाएगी। बैठक के दौरान रेलवे के तकनीकी अधिकारियों ने परियोजना का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया, जिसमें रेल लाइन का प्रस्तावित मार्ग, प्रभावित गांव और आवश्यक भूमि का विवरण साझा किया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि परियोजना में किसी भी तरह की देरी न हो, इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।
बहराइच–खलीलाबाद रेल सेक्शन पर भी फोकस
बहराइच–खलीलाबाद रेल लाइन के बहराइच खंड में जिन गांवों की परिसंपत्तियां प्रभावित होंगी, उनके मूल्यांकन को लेकर वन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। प्रशासन का उद्देश्य है कि मुआवजे और स्वीकृतियों से जुड़े मामलों को समय रहते निपटाया जाए, ताकि निर्माण कार्य बिना रुकावट आगे बढ़ सके।
राजस्व अभिलेखों को जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश
जिलाधिकारी ने संबंधित उपजिलाधिकारियों और राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है, वहां के खसरा-खतौनी और राजस्व मानचित्र तय समय सीमा के भीतर सक्षम प्राधिकारी को उपलब्ध कराए जाएं। इससे भूमि अधिग्रहण की कानूनी प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी।
हाईस्पीड कॉरिडोर से बदलेगा क्षेत्र का स्वरूप
रेल परियोजनाओं के साथ-साथ जिले में प्रस्तावित गोरखपुर–शामली हाईस्पीड एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर पर भी चर्चा हुई। इस सड़क परियोजना से बहराइच, कैसरगंज और महसी तहसीलों के दर्जनों गांव प्रभावित होंगे। एनएचएआई की ओर से परियोजना की जानकारी साझा करते हुए भूमि अधिग्रहण से जुड़ी औपचारिकताओं को जल्द पूरा करने का अनुरोध किया गया।

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