न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ भारत सरकार लगातार जंग छेड़े हुए हैं। देश में ये संक्रमण बेलगाम न हो जाए इसके लिए डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ युद्ध स्तर पर मरीज़ों के उपचार में लगे हैं, तो वहीं देश के शोधकर्ता और वैज्ञानिक इस महामारी की दवा और दूसरे जरूरी उपकरण बना रहे हैं। इस बीच CSIR को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसके बाद देश में आम आदमी को सस्ती दर पर कोरोना टेस्ट मुहैया कराया जा सकेगा।
अभी तक देश में जिन प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट हो रहा है, उसकी फीस इतनी ज्यादा है कि यह आम आदमी की पहुंच से काफी दूर है। इसके साथ ही इसके रिजल्ट आने में भी 24 से 48 घंटे का वक्त लग रहा है। ऐसे में CSIR को कोरोना के टेस्ट को लेकर एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। CSIR ने इस टेस्ट का नाम पेपर बेस्ड टेस्ट दिया है, जिसकी कीमत 200 से 500 रुपये के बीच बताई जा रही है। साथ ही यह भी दावा है कि यह कम वक़्त में बिल्कुल सटीक रिजल्ट देगा।
CSIR के निदेशक शेखर मांडे के मुताबिक़, यह उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के भीतर यह टेस्ट किट तकनीक आ जाएगी। हालांकि अभी ICMR से इसको हरी झंडी का इंतज़ार है। बहरहाल इस कठिन समय में इस तरह की खबर ज़ाहिर तौर पर एक उम्मीद की तरह है। पहले एक प्राइवेट कंपनी द्वारा टेस्ट किट बनाए जाने के बाद अब CSIR के इस तरीक़े की तकनीक के आने से ज़ाहिर तौर पर सरकार के साथ-साथ आम लोगों का भी हौसला बढ़ेगा।
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