न्यूज डेस्क: भारत में हर साल सावन मास के पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जाता हैं। लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है की रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता हैं। आज इसी विषय में शास्त्रों के मुताबिक जानने की कोशिश करेंगे विस्तार से।
शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु असुरों के राजा बलि के दान धर्म से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। तब बलि ने उनसे पाताल लोक में बसने का वरदान मांगा। इसके बाद भगवान विष्णु पाताल लोक चले गए।
भगवान विष्णु के पाताल लोग चले जानें से सारे देवतागण दुखी रहने लगे। तब मां लक्ष्मी ने एक गरीब स्त्री के वेश में पाताल लोक जाकर बलि को राखी बांधा और भगवान विष्णु को वहां से वापस ले जाने का वचन मांगा। शास्त्रों के मुताबिक उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी तभी से रक्षाबंधन मनया जाता है।
महाभारत काल में भगवान कृष्ण और द्रोपदी को भाई बहन माना जाता है। कृष्ण ने एक भाई का फर्ज निभाते हुए चीर हरण के समय द्रोपदी की रक्षा की थी। इसलिए रक्षाबंधन को भाई-बहन का सबसे पवित्र त्यौहार माना जाता हैं।
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