खबर के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने कहा है की यह निर्णय शैक्षणिक सत्र 2021-22 से प्रभावी होगा। अब लोगों को सहायक प्रोफ़ेसर बनने के लिए पीएचडी करना होगा, तभी वो सहायक प्रोफ़ेसर बन सकेंगे।
बता दें की इससे पहले UGC NET पास व्यक्ति सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए एलिजिबल था, लेकिन पीएचडी को भी अनिवार्य करने के बाद ऐसा नहीं होगा। अब सहायक प्रोफ़ेसर बनने के लिए पीएचडी ज़रूरी होगा। यह नियम इस साल से लागू होगा।
मिली जानकारी के अनुसार सहायक प्रोफ़ेसर बनने के दौरान नेट पास करने वाले उम्मीदवारों को 5-10 अंकों का वेटेज दिया जाता है। वहीं पीएचडी उम्मीदवार को 30 अंकों का वेटेज दिया जाता है। इसी आधार पर मेरिट बनाई जाती हैं और चयन किया जाता हैं।
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