खबर के अनुसार वर्त्तमान समय में अमेरिका, इजराइल के लेजर हथियार एक्टिव हैं। जबकि अन्य देश अभी इसका टेस्ट करने के चरण में हैं। वहीं, इजरायल ने गाजा पट्टी में जारी जंग के बीच अपने लेजर हथियार आयरन बीम की तैनाती पर फोकस बढ़ा दिया है।
बता दें की अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों पर लेजर हथियार की तैनाती हो चुकी हैं। जबकि चीन द्वारा बनाया गया चीनी फाइबर-ऑप्टिक लेजर वायु-रक्षा प्रणाली को भी सफल बताया गया हैं। वहीं, रूसी सोकोल एशेलन रूस द्वारा विकसित प्रायोगिक मोबाइल लेजर हथियार हैं।
वहीं, आर्मोल तुर्की का लेजर हथियार जिसने 2019 में स्वीकृति परीक्षण पास कर लिया था। जबकि अगस्त 2017 में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भी लेजर हथियार को टेस्ट किया था। भारत फिलहाल दुर्गा-2 लेजर हथियार बना रहा हैं।
इसके अलावे यूनाइटेड किंगडम द्वारा भी 50 किलोवाट स्केलेबल लेजर निर्देशित-ऊर्जा हथियार विकसित किया गया हैं। जिसका उद्देश्य छोटी नावों, ड्रोन और तोपखाने के गोले/मिसाइलों के खिलाफ उपयोग करना है। जबकि फ्रांस भी लेजर हथियार के विकास के चरण में हैं।
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