बिहार में जमीन सर्वे से जुड़ी 7 जरूरी बातें जान लें

पटना: बिहार में जमीन सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में बहुत से लोगों को सर्वे को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति हैं। ऐसे में लोगों को जमीन सर्वे से जुड़ी 5 बड़ी बातें जान लेनी चाहिए, ताकि उनकी परेशानी दूर हो सके।

बिहार में जमीन सर्वे से जुड़ी 7 जरूरी बातें जान लें?

1 .सर्वे के लिए आवेदन कैसे करें?

जमीन मालिक को पपत्र-2 और पपत्र-3 फॉर्म भरनी है। पपत्र-2 में जमीन का दावा और पपत्र-3 में पारिवारिक सूची भरकर देना है। इसको स्व-घोषणा कहा जाता हैं।

2 .इन दस्तावेजों से जमीन सत्यापित करें?

बिहार जमीन सर्वे में जमीन की जमाबंदी, रजिस्ट्री, लगान रसीद, खतियान आदि दस्तावेजों से जमीन का सत्यापन का सकते हैं।

3 .मौखिक बंटवारा मान्य होगा या नहीं?

यदि आपने पारिवारिक सहमति से मौखिक बंटवारा किया हैं तो ये मान्य नहीं होगा। आपको लिखित रूप बंटवारा जमा करना होगा।

4 .जमीन सर्वे में वंशावली क्यों जरूरी?

वंशावली जमीन के सभी उत्तराधिकारियों की पहचान हैं। इसको खुद बनाकर देनी है। सर्वे अधिकारी गांव में जाकर इसकी जांच करेंगे।

5 .जमीन कागजात नहीं तो क्या करें?

जमीन का कागज नहीं हैं तो आप टेंशन न लें, जमीन के चौहद्दीकार के पास दस्तावेज होगा। इसे सर्वे अधिकारी के द्वारा खोजा जाएगा और उसका सत्यापन किया जायेगा।

6 .स्टाम्प पेपर पर जमीन का अदला-बदली?

यदि आपने स्टाम्प पेपर पर जमीन की अदला-बदली की हैं तो इसे नहीं माना जायेगा। आपको जमीन की रजिस्ट्री करानी होगी।

7 .बिहार में कौन जमीन सरकारी है?

गैरमजरूआ आम और गैरमजरूआ खास बिहार सरकार की जमीन है। वहीं कैसर ए हिंद जमीन केंद्र सरकार की है। इस जमीन का खतियान सरकारी है। हालांकि गैरमजरूआ खास के कागज आपके पास हैं तो खतियान में नाम चढ़ाया जायेगा।

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