WHO के अनुसार अगर किसी पुरुष के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन से कम है, तो उसे कम शुक्राणुओं की समस्या होती है। इस स्थिति को ओलीगोस्पर्मिया कहते हैं, अगर वीर्य में एक भी शुक्राणु नहीं है, तो इसे एजूस्पर्मिया कहते हैं।
गर्भधारण के लिए कितनी होनी चाहिए वीर्य की मात्रा?
वीर्य की मात्रा: एक स्वस्थ शरीर में प्रति स्खलन 1.5 से 5 मिलीलीटर वीर्य की मात्रा होनी चाहिए। इससे गर्भाधान करने में आसानी होनी हैं।
शुक्राणुओं की संख्या: पुरुषों के वीर्य में प्रति मिलीलीटर 15 से 200 मिलियन शुक्राणु होनी चाहिए, इससे गर्भधारण करना आसान हो जाता हैं।
शुक्राणुओं का आकार: कम से कम 60% शुक्राणुओं का आकार सामान्य होना चाहिए। इससे कम होने पर गर्भधारण में दिक्कत हो सकती हैं।
शुक्राणुओं की गतिशीलता: गर्भधारण के लिए शुक्राणुओं में सामान्य आगे की गति होनी चाहिए। इससे गर्भधान करने में आसानी होती हैं।
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