खबर के अनुसार वीर्य डोनेट करने की यह प्रक्रिया विशेष रूप से आईवीएफ (IVF) या आईसीएसआई (ICSI) जैसी चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है। सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विधेयक, 2021 के अनुसार भारत में पुरुष 18 से 39 वर्ष की आयु तक अपने स्पर्म (वीर्य) को डोनेट कर सकते हैं।
भारत में 'वीर्य' दान करने के क्या हैं नियम?
1. आयु सीमा: वीर्य दान करने वाला पुरुष 18 से 39 वर्ष के बीच होना चाहिए। कुछ स्पर्म बैंकों में अधिकतम आयु सीमा 34 वर्ष तक तय की जाती है, जो अधिकतर गुणवत्ता और प्रक्रिया की सफलता को ध्यान में रखते हुए की जाती है।
2. स्वास्थ्य परीक्षण: वीर्य दान करने से पहले कई मेडिकल टेस्ट कराए जाते हैं, जिनमें यौन संचारित रोगों (STD) जैसे HIV, हेपेटाइटिस B और C, और अन्य संक्रमणों का परीक्षण शामिल होता है। इसके अलावा, वीर्य की गुणवत्ता, शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता का भी परीक्षण किया जाता है।
3. यौन गतिविधि पर प्रतिबंध: वीर्य दान करने से कम से कम दो दिन पहले यौन गतिविधि नहीं करना होता है। यह नियम इसलिए है ताकि वीर्य की गुणवत्ता और शुक्राणुओं की संख्या सर्वोत्तम हो, जो दान की प्रक्रिया के लिए आवश्यक है।
4. अनुबंध पर हस्ताक्षर: दाता को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होता है, जिसमें यह उल्लेख होता है कि वह अपने शुक्राणु से उत्पन्न होने वाले बच्चे पर किसी भी प्रकार का कानूनी अधिकार नहीं रखेगा।
5. स्पर्म का उपयोग: वीर्य दान किए गए स्पर्म का केवल एक बार ही उपयोग किया जाता है। यदि महिला गर्भवती हो जाती है, तो उस स्पर्म के सैंपल को नष्ट कर दिया जाता है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की पुनः उपयोग या कानूनी जटिलताएं न हों।
6. स्पर्म बैंक में दान: वीर्य दान केवल स्पर्म बैंक में किया जा सकता है। घर से लाए गए स्पर्म को स्वीकार नहीं किया जाता, क्योंकि स्पर्म बैंक में विशेष तरीके से संग्रहण और परीक्षण किया जाता है, जो एक सुरक्षित और नियंत्रित प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है।
7 . गोपनीयता: वीर्य दान करने वालों की सभी जानकारी गुप्त रखी जाती है। इसका उद्देश्य यह हैं की भविष्य में दोनों पक्षों के बीच संपर्क या पहचान का कोई विवाद न हो।

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