बिहार में सॉफ्टवेयर से ही होगा शिक्षकों का तबादला

पटना: बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए शिक्षकों के तबादला और पोस्टिंग की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। अब सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, तेज और सुव्यवस्थित तरीके से की जाएगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस डिजिटल पहल से शिक्षकों के तबादले में होने वाली गड़बड़ी और देरी पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकेगा।

अब तक, शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया मैनुअल होती थी, जिसमें कई बार भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ देखने को मिलती थीं। यह नई डिजिटल प्रणाली इस समस्या का समाधान पेश करती है और शिक्षकों को उनके अधिकार और योग्यता के अनुसार नियुक्त किया जाएगा।

इस प्रक्रिया को चार चरणों में बांटा गया है, जिसमें पहले चरण की सूची जनवरी के अंत तक जारी की जाएगी और बाकी तीन चरण फरवरी में पूरे होंगे। मैनुअल तरीके से किए जा रहे तबादलों के मुकाबले यह सॉफ्टवेयर आधारित प्रक्रिया न केवल तेज़ होगी, बल्कि पूरी तरह पारदर्शी भी होगी, जिससे शिक्षकों को गलत जगह पोस्ट करने या अनावश्यक देरी से राहत मिलेगी।

इस डिजिटल प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब किसी भी शिक्षक का तबादला मैनुअल तरीके से नहीं होगा। सभी तबादले सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही होंगे, जिससे हर शिक्षक की योग्यता, अनुभव और आवंटन की प्रक्रिया में कोई भी पक्षपाती निर्णय नहीं लिया जा सकेगा।

शिक्षकों की पोस्टिंग और ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद शिक्षकों की नई नियुक्तियाँ हो सकें। पहली सूची 30 जनवरी तक जारी होने की संभावना है, और बाकी की प्रक्रिया फरवरी में पूरी कर दी जाएगी। यह बदलाव राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक नयापन और सकारात्मक दिशा का प्रतीक माना जा रहा है।

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